बाइपोलर डिसऑर्डर को समझें: यह सिर्फ मूड स्विंग से कहीं बढ़कर है

हम सभी के मूड में उतार-चढ़ाव होता है। कभी हम बहुत खुश होते हैं, तो कभी उदासी हमें घेर लेती है। यह सामान्य है। लेकिन जब ये उतार-चढ़ाव बहुत तीव्र हों और आपकी जिंदगी को अनियंत्रित करने लगें, तो यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है, जिसे बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) कहते हैं।

यह एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य स्थिति है। आइए, इसे और गहराई से समझते हैं ताकि हम इससे जुड़ी गलत धारणाओं को दूर कर सकें और जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाएं।

बाइपोलर डिसऑर्डर आखिर है क्या?

बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मूड, ऊर्जा और कार्य करने की क्षमता में अत्यधिक बदलाव होते हैं। इसमें व्यक्ति दो तरह के दौरों (Episodes) से गुजरता है – एक भावनात्मक ऊफान का दौर, जिसे मेनिया (Mania) या हाइपोमेनिया (Hypomania) कहते हैं, और दूसरा गहरी उदासी का दौर, जिसे डिप्रेशन (Depression) कहते हैं।1 यह “सिर्फ मूड बदलना” नहीं है, बल्कि यह दिमाग की केमिस्ट्री में होने वाले बदलावों के कारण होता है।

मूड के दो ध्रुव: मेनिया और डिप्रेशन

बाइपोलर का मतलब ही है “दो ध्रुव”। आइए इन दोनों अवस्थाओं के लक्षणों को समझते हैं।

1. मेनिक एपिसोड (Mania): ऊर्जा और उत्साह का चरम2

यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति अत्यधिक ऊर्जावान, उत्साहित या असामान्य रूप से चिड़चिड़ा महसूस करता है।3 इसके लक्षण हैं:

  • बहुत ज्यादा खुश या उत्साहित रहना।
  • नींद की जरूरत बहुत कम हो जाना (कई बार 2-3 घंटे सोकर भी तरोताजा महसूस करना)।
  • विचारों का बहुत तेजी से आना-जाना (Racing thoughts)।
  • बहुत ज्यादा बातूनी हो जाना और सामान्य से बहुत तेज बोलना।
  • ध्यान केंद्रित करने में बहुत मुश्किल होना।
  • खतरनाक या आवेगी व्यवहार करना, जैसे बहुत ज्यादा पैसे खर्च करना, लापरवाही से गाड़ी चलाना आदि।

हाइपोमेनिया (Hypomania) मेनिया का एक हल्का रूप है, जिसमें लक्षण कम तीव्र होते हैं और व्यक्ति की दिनचर्या पर कम असर डालते हैं।

2. डिप्रेसिव एपिसोड (Depression): उदासी और निराशा का दौर

यह अवस्था मेनिया के बिल्कुल विपरीत होती है। इसके लक्षण हैं:

  • अत्यधिक उदासी, निराशा या खालीपन महसूस करना।
  • लगभग हर गतिविधि में रुचि खो देना।
  • बहुत अधिक सोना या बिल्कुल सो न पाना।
  • ऊर्जा की भारी कमी और हर समय थका हुआ महसूस करना।
  • भूख में बदलाव (बहुत कम या बहुत ज्यादा खाना)।
  • आत्महत्या या मृत्यु के विचार आना।

बाइपोलर डिसऑर्डर के मुख्य प्रकार

मुख्य रूप से इसके तीन प्रकार होते हैं:

  • बाइपोलर I डिसऑर्डर: इसमें व्यक्ति को कम से कम एक मेनिक एपिसोड का अनुभव होता है।4 डिप्रेसिव एपिसोड भी हो सकते हैं।5
  • बाइपोलर II डिसऑर्डर: इसमें व्यक्ति को कम से कम एक हाइपोमेनिक और एक डिप्रेसिव एपिसोड का अनुभव होता है, लेकिन कभी भी पूर्ण मेनिक एपिसोड नहीं होता।6
  • साइक्लोथाइमिक डिसऑर्डर (Cyclothymic Disorder): यह एक हल्का रूप है जिसमें व्यक्ति को कम से कम दो साल तक हाइपोमेनिक और डिप्रेसिव लक्षणों के कई दौरों का अनुभव होता है।7

कारण और इलाज

बाइपोलर डिसऑर्डर का कोई एक निश्चित कारण नहीं है। माना जाता है कि यह आनुवंशिक (Genetics), मस्तिष्क की संरचना और न्यूरोट्रांसमीटर (रसायन) में असंतुलन के कारण हो सकता है।8

इसका इलाज संभव है!

सही इलाज से व्यक्ति एक सामान्य और सफल जीवन जी सकता है। उपचार में आमतौर पर शामिल हैं:

  1. दवाएं (Medications): मूड को स्थिर रखने के लिए मूड स्टेबलाइजर्स और अन्य दवाएं दी जाती हैं। यह इलाज एक मनोचिकित्सक की देखरेख में होना चाहिए।
  2. साइकोथेरेपी (Psychotherapy): थेरेपी या काउंसलिंग से व्यक्ति को अपने विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
  3. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Management): नियमित दिनचर्या, पूरी नींद, स्वस्थ भोजन, व्यायाम और तनाव प्रबंधन भी इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।9

किसी अपने की मदद कैसे करें?

अगर आपके किसी प्रियजन को बाइपोलर डिसऑर्डर है, तो आपका साथ उनके लिए बहुत मायने रखता है:

  • धैर्य रखें और समझदारी दिखाएं: याद रखें कि उनका व्यवहार उनकी बीमारी का हिस्सा है, उनकी पहचान नहीं।
  • उन्हें इलाज के लिए प्रोत्साहित करें: दवाएं लेने और थेरेपी सेशन में जाने के लिए उन्हें प्रेरित करें।
  • उन्हें सुनें: बिना जज किए उनकी बातों को सुनें।
  • संकट के संकेतों को पहचानें: आत्महत्या की बातें या खतरनाक व्यवहार को गंभीरता से लें और तुरंत मदद लें।

निष्कर्ष

बाइपोलर डिसऑर्डर एक जटिल स्थिति है, लेकिन सही जानकारी, इलाज और सहारे से इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति भी एक खुशहाल, सार्थक और उत्पादक जीवन जी सकते हैं। सबसे जरूरी कदम है मदद मांगना और यह याद रखना कि आप अकेले नहीं हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के निदान और उपचार के लिए, कृपया एक योग्य मनोचिकित्सक (Psychiatrist) से संपर्क करें।

यदि आप या आपका कोई जानने वाला संघर्ष कर रहा है, तो कृपया पेशेवर मदद लें।

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